हिमालयी क्षेत्र के ग्लेसिएर्स लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं,
ग्लेस्एरो के सिकुड़ने की वजह से जान्हा एक और मैदानी क्षत्रों
मे पहाड़ो की अपेक्षा तापमान कम होता जराहा है , वहीं दूसरी
और प्ष्स्ड़ों मे वर्फबारी कम होने की वजह से नदियों के
जल स्तर में भिू भारी गिरावट आ रही है!
ग्लेसियरों के सिकुड़ने की घटना को व्ज्ञानिकों ने गभीरता से लिया है !
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प्रदेश की विज्ञान एवम् तकनीकी परिषद् ने पहले ही राज्य केग्लेसियरो को लेकर व्यापक अध्यन किया है! परिषद के
अधयनो से साफ प्रतीत होता है की "global warming"
की वजह से ग्लेसियरो के सिकुड़ने के साथ-साथ मौसम
की प्रकृति भी बदल रही है!
प्रदेश मैं आम तौर पर डिसेंबर महीने मैं वर्फबारी होती थी
मगर अब वर्फ़ से ढकी रहने वाली चोटियाँ भी जन्वरी
तक खाली ही रहती हैं!
विज्ञान एवम् तकनीकी पृषद के विज्ञांकों का मानना है
की यह सब कुत्छ globel warming के कारण ही रहा है!
प्रदेश के हिमनद पिघलते जा रहे हैं और
प्रदेश की झीलों में पानी का स्तर ज़यादा हो रहा है!
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